छत्तीसगढ़ के कांकेर शहर के चंदेल परिवार की शादी में मंत्र नहीं पढ़े गए और न ही अग्नि के समक्ष फेरे नहीं लिए गए। बल्कि संविधान की किताब को बीच में रखकर फेरे लिए गए। मंत्रों की जगह संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई। प्रस्तावना पढ़कर संकल्प लिया गया। सात वचनों की जगह प्रोफसर ने शपथ दिलाई।
दरअसल, छत्तीसगढ़ के इस जिले में नक्सल समस्या चरम पर है। नक्सलियों ने इलाके में संविधान के खिलाफ हथियार उठा रखा है। लोगों में संविधान के प्रति भरोसा जगाने के लिए चंदेल परिवार ने यह पहल की है।
कार्ड में भी बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीर
अब तक देखा गया है विवाह का निमंत्रण देने छपने वाले कार्ड में ईष्ट देवी-देवताओं के अलावा धार्मिक शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन यहां संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर भी लगाई गई थी।
23 दिसंबर 2018 को ऐसे ही बंधे प्रियंका-अनुज
ठीक इसी तरह एक शादी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में 23 दिसंबर 2018 को रतनपुर में हुई थी। एडवोकेट प्रियंका शुक्ला और अनुज श्रीवास्तव इस तरह जीवन साथी बने थे। इस शादी की पूरे देश में चर्चा हुई थी क्योंकि संविधान की शपथ के अलावा अनुज और प्रियंका ने कई सामाजिक कुरीतियों, आडंबरों और रुढीवादी विचारों को तिलांजलि देने की शपथ खुद भी ली थी और दूसरों को भी दिलाई थी।